Mangal Yantra, Guru Rahuleshwar, Bhagya Manthan, मंगल यन्त्र, गुरु राहुलेश्वर, भाग्य मंथन
संस्कृत श्लोकः
#भूमिपुत्रो
महातेजा जगतां भयकृत् सदा।
वृष्टिकृद् वृष्टिहर्ता च पीड़ां हरतु में कुजः।।
हिन्दी अर्थः #भूमि के #पुत्र, #महान् #तेजस्वी, जगत् को भय प्रदान करने वाले, वृष्टि
करने वाले तथा वृष्टि का हरण करने वाले #मंगल #ग्रह मेरी पीड़ा का हरण करें।
#राहुलेश्वर
भाग्य मंथन
#gururahuleshwar
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