Pashupatinath mantra ।पशुपतिनाथ मंत्र
मनुष्य योनि में जन्म लेने मात्र से ही मनुष्यता की उपाधि नहीं मिल जाती। मनुष्यता प्राप्त करने के लिए और अपने मनुष्य जीवन को सिद्ध करने के लिए हमें अपने जीवन में उसके अनुरुप कार्य भी करने पड़ते है।
काम, क्रोध, लोभ-लालच, मोह और अहंकार में फंसकर मनुष्य पशुत्व व्यवहार करता है और अपने पतन का मार्ग तैयार कर लेता है। ऐसी स्थिति में जब मनुष्य चाह कर भी अपने पशुत्व जीवन से बाहर नहीं निकल पाता तब उसे पशुपतिनाथ का पूजन व ध्यान करना चाहिए। भगवान शिव का यह रुप सभी पशुओं के नाथ होने के साथ साथ मनुष्य योनि में जन्म लेने वाले पशुत्व जीवन भोग रहे लोगों का भी उद्धार करते है और जीवन को सही दिशा व सद्मार्ग देते है।
।। ॐ पशुपतिनाथाय नमः ।।
गुरु राहुलेश्वर । Guru Rahuleshwar
भाग्य मंथन । Bhagya Manthan
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