Rudra Gayatri Mantra । रुद्र गायत्री मंत्र

सृष्टि के पुनः निर्माण से ठीक पहले भगवान शिव पूरी सृष्टि के संहार की भूमिका में रहते है और बाकी समय सृष्टि रक्षण के लिए ध्यानस्थ रहते है। इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए ज्यादा प्रपंच भी नहीं करने पड़ते और श्रद्धालू के पास यथाशक्ति जो भी हो ये उसे प्रेम पूर्वक ग्रहण कर लेते है। इनकी महिमा ऐसी है कि सृष्टि के रक्षण के लिए हलाहल विष को भी अमृत की भांति ग्रहण कर जाते है।

गायत्री मंत्र महामंत्र है और जब कोई शिव भक्त गायत्री महामंत्र से भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहे तो उसे रुद्र गायत्री मंत्र का नियमित रुप से तीन समय पाठ करना चाहिए।

जब किसी जातक की जन्म कुंडली में कोई क्रूर व पीड़ादायक दोष हो तो उसे भगवान रुद्र की अराधना बहुत राहत देती है। 

रुद्र गायत्री मंत्र

।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।।

आज सोमवार का दिन आप सभी के लिए शुभ व मंगलमय हो।

।।नमो नारायण।।

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