
जिस समय आप अपने वास्तविक स्वरुप को प्राप्त हो जाते है आपका प्रत्येक शब्द उसी क्षण से एक अनुबंध का रुप ले लेता है। गुरु राहुलेश्वर, भाग्य मंथन #guru_rahuleshwar #bhagya_manthan #anubandh #गुरु_राहुलेश्वर #भाग्य_मंथन #अनुबंध
अच्छे कर्म निरन्तर करते रहने से दुर्भाग्य व दरिद्रता पूर्ण रुप से दूर हो सकती है। जन्म कुंडली से अधिक ध्यान देने वाली चीज कर्म कुंडली है।